रिपोर्ट कुचायकोट
रिपोर्टर:- संजय सिंह
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| छठू साह |
गोपालगंज क्षेत्र के कुचायकोट थाने से एक ऐसी घटना सामने आई जिससे लोग चौक गए मठिया हरदो गांव से छथू साह के साथ एक सायबर ठगी का मामला सामने आया हैं जिनके साथ बेहद ही चालाकी से रची गई साइबर ठगी हुई हैं
छठू साह को सायबर ठगो ने उनके बेटे को एयरपोर्ट पर कागजी चेकिंग के दौरान फसा हुआ बताया ओर उनसे 50 हजार रुपए की ठगी कर ली ठगी के बाद छठू साह सदमे में हैं और वही गांव में सायबर ठगो के नए नए तरीकों को लेकर गांव में दहशत भी हैं
घटना की शुरुआत — एक फोन कॉल जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया
यह घटना शुक्रवार के दिन 21/11/2025 की हैं छठू साह अपने घर के काम में व्यस्थ थे तभी अचानक इनका फोन बजा और इन्होंने फोन उठाया उधर से आवाज आई और सायबर ठगो ने कहा आपका बेटा एयरपोर्ट चेकिंग में फसा हुआ हैं हम एयरपोर्ट सिक्योरिटी से बोल रहे हैं। आपके बेटे के दस्तावेज़ों में समस्या पाई गई है। अभी वह चेकिंग में फँसा हुआ है। मामला थोड़ा गंभीर है।"यदि आप इसे अपने बेटे को छुड़ाना चाहते हैं तो जल्द से जल्द 50000 रुपए भेजिए हम उसे छोड़ देंगे यह सुनते ही छठू साह बेचैन हो गए उनके बेटे की यह पहली विदेश यात्रा थी और कॉलर इतने आत्मविश्वास के साथ बात कर रहा था कि किसी भी आम व्यक्ति को संदेह होने का मौका ही नहीं मिलता। हर सवाल का जवाब वह तुरंत दे रहा था—बेटे का नाम, उड़ान का समय, यहां तक कि जिस देश में जाना था, उसकी जानकारी भी ठग ने बिल्कुल सही बताई। इससे छठू साह को लगा कि यह कॉल वास्तविक है।वैसे भी विदेश से जुड़ी औपचारिकताओं की वजह से परिवार में हल्का तनाव बना हुआ था। सामने से ऐसा कॉल आना किसी भी अभिभावक के लिए चौंकाने वाला होता है। उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे साइबर ठगो के द्वारा दिए गए अकाउंट में 50000 रुपए भेज दिए
ऐसे पलटा पूरा मामला सच का पता ऐसे चला — बेटा तो बिल्कुल सुरक्षित था
लगभग आधे घंटे बाद जब फोन से छतू साह ने जब अपने बेटे से बात की तब बेटे ने उन्हें बताया जांच के दौरान तो
उसे एयरपोर्ट पर किसी ने भी नहीं रोका
उसके दस्तावेज़ पूरी तरह सही हैं
उससे किसी अधिकारी ने किसी तरह की फीस नहीं मांगी
वह बिल्कुल सुरक्षित है
छठू साह के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। अभी-अभी जो 50 हजार रुपये उनके खाते से निकलकर ठगों के पास गए थे, वह उनकी बचत का बड़ा हिस्सा था।
छठू साह ने बिना देर किए कुचायकोट थाने में अपनी आपबीती सुनाई और F.I.R दर्ज करवाई
सच्चाई का पता चलते ही छठू साह सीधे कुचायकोट थाने पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। वे इतने सदमे में थे कि कई बार बोलते-बोलते रो पड़ रहे थे। पुलिस ने उनका आवेदन लिया और आश्वासन दिया कि मामले की जांच जल्द शुरू की जाएगी।
थाना प्रभारी ने बताया कि शुरुआती जांच में यह साफ है कि यह एक योजनाबद्ध साइबर ठगी का मामला है। अपराधियों ने पहले पीड़ित के बेटे से जुड़ी कई जानकारियाँ जुटाईं, ताकि कॉल को असली जैसा बनाया जा सके। फिर भावनात्मक दबाव बनाकर इनसे पैसे निकलवा लिए गए हैं
साइबर अपराधियों की नई तकनीक — भावनाओं पर वार
पुलिस और साइबर सेल दोनों की मानें तो पिछले कुछ महीनों में ऐसे मामलों में तेजी आई है जहां अपराधी—
विदेश यात्रा
एयरपोर्ट चेकिंग
कस्टम जांच
एमर्जेंसी डॉक्यूमेंट
और विदेश में फँसाने
जैसे बहाने बनाकर लोगों को फंसाते हैं।
सबसे ज्यादा निशाना माता-पिता और बुजुर्ग लोग बनते हैं, क्योंकि वे बच्चों की चिंता में तुरंत निर्णय ले लेते हैं और कॉल की सत्यता जांचने का समय भी नहीं लेते।
छठू साह का मामला भी बिल्कुल इसी पैटर्न पर आधारित था—दिल को पकड़कर दिमाग को बंद करा देने वाली ठगी।
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| Kuchaikot police station |
पुलिस ने लोगों से की यह विशेष अपील
कुचायकोट थाना पुलिस ने इस घटना के बाद लोगों से कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं:
1. एयरपोर्ट अथॉरिटी कभी फोन पर पैसे नहीं मांगती।
दस्तावेज़ की समस्या होने पर यात्री को सीधे बुलाया जाता है, किसी परिवार वाले को कॉल नहीं किया जाता।
2. कोई भी अधिकारी बैंक खाते में पैसे भेजने को नहीं कहता।
3. किसी भी आपातकालीन कॉल पर तुरंत विश्वास न करें। पहले सत्यापन करें।
4. संदेह होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
5. ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस को जानकारी दें।
पुलिस की टीम और साइबर सेल मिलकर इस मामले में कई तकनीकी बिंदुओं पर जांच कर रही है:
कॉल किस नंबर से आया?
नंबर किस जगह पर रजिस्टर है?
पैसा किस बैंक खाते में गया?
वह खाता असली है या फर्जी?
खाते से पैसे कहाँ ट्रांसफर हुए?
अपराधी की लोकेशन क्या है?
अक्सर साइबर ठगी के मामलों में बैंक खाते दूसरे राज्यों या फर्जी आईडी से खोले जाते हैं, जिससे अपराधी को पकड़ने में समय लगता है। लेकिन पुलिस का कहना है कि वे पूरी कोशिश कर रहे हैं।
जांच जारी हैं और कुचायकोट पुलिस और गोपालगंज साइबर सेल मिलकर इस केस की जांच कर रही हैं और उन्होंने कहा हैं कि हम अपराधियों की पहचान करने में जुट हुए हैं और जल्द ही हम उन्हें पकड़ लेंगे
समाचार अस्वीकरण (Disclaimer – मानव अधिकार एवं तटस्थता आधारित)
रिपोर्टर: संजय सिंह | क्षेत्र: कुचायकोट, गोपालगंज
यह समाचार रिपोर्ट पाठकों तक सही और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। रिपोर्ट में उल्लेखित घटनाएं, बयान और विवरण पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत, पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रारंभिक जानकारी तथा स्थानीय स्रोतों पर आधारित हैं।
हम (मीडिया/चैनल/पोर्टल) स्पष्ट करते हैं कि—
1. मानव अधिकारों का पूर्ण सम्मान
इस खबर में शामिल सभी व्यक्तियों—पीड़ित, गवाह, और संदिग्ध—के मानव अधिकारों का सम्मान किया गया है।
किसी भी व्यक्ति को दोषी या अपराधी बताना हमारा उद्देश्य नहीं है।
अंतिम निर्णय या सत्यता का निर्धारण कानूनी प्रक्रिया और अदालतों द्वारा ही किया जाएगा।
2. तटस्थता एवं निष्पक्षता
यह रिपोर्ट केवल सूचना देने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।
सभी तथ्यों को तटस्थ तरीके से प्रस्तुत किया गया है और किसी भी पक्ष के प्रति पक्षपात नहीं किया गया है।
3. जांच जारी होने के कारण तथ्य बदल सकते हैं
कुचायकोट थाना और साइबर सेल द्वारा इस मामले की जांच चालू है, इसलिए रिपोर्ट में उल्लेखित कुछ विवरण आगे की पुलिस कार्रवाई या तकनीकी जांच के आधार पर बदल सकते हैं।
हम समय–समय पर अपडेट प्राप्त होते ही जानकारी को संशोधित करते रहेंगे।
4. किसी संस्था, विभाग या व्यक्ति की छवि को ठेस पहुँचाने का उद्देश्य नहीं
इस रिपोर्ट का उद्देश्य किसी भी संस्था, पुलिस विभाग, एयरपोर्ट अथॉरिटी या किसी आम नागरिक की छवि धूमिल करना नहीं है।
यह रिपोर्ट केवल जनजागरूकता और साइबर अपराधों से बचाव के लिए प्रकाशित की गई है।
5. पीड़ित की भावनाओं का सम्मान
रिपोर्ट में पीड़ित छठू साह और उनके परिजनों की भावनाओं और गोपनीयता का पूरा सम्मान रखा गया है।
किसी भी प्रकार के संवेदनशील या निजी विवरण जिसमें नुकसान की संभावना हो, उसे साझा नहीं किया गया है।
6. साइबर सुरक्षा जागरूकता उद्देश्य
समाचार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को यह बताना है कि—
एयरपोर्ट अथॉरिटी फोन पर पैसे नहीं मांगती
किसी भी आपातकालीन कॉल की तथ्य-जांच करना आवश्यक है
साइबर अपराधों में सावधानी सबसे बड़ा हथियार है
यह रिपोर्ट शिक्षा, सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रकाशित की गई है।
7. त्रुटि की स्थिति में सुधार के लिए संपर्क करें
यदि किसी व्यक्ति, संस्था या विभाग को लगता है कि इस खबर में कोई तथ्यात्मक त्रुटि है या किसी की भावनाओं को ठेस पहुँची है, तो वह हमसे संपर्क कर सकता है।
हम तथ्यों की पुष्टि के बाद सुधार या अपडेट करने के लिए हमेशा तत्पर हैं।

